
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में किरायेदारों की पहचान को लेकर अब प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क हो चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हाल ही में एक व्यापक सत्यापन अभियान चलाया गया, जिसमें शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पुलिस ने घर-घर जाकर किरायेदारों की जानकारी खंगाली।
इस दौरान 800 बाहरी किरायेदारों का रिकॉर्ड खंगाला गया। हैरानी की बात यह रही कि, 162 मकान ऐसे पाए गए, जिनमें बिना किसी सत्यापन के किरायेदार रह रहे थे। नतीजतन, इन मकान मालिकों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिससे कुल 16.20 लाख रुपये की वसूली हुई।
एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि 132 संदिग्धों को पूछताछ के लिए थानों में लाया गया और 44 व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई और इनसे 14 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी वसूला गया।
फर्जी दस्तावेज बनवाने वालों पर भी शिकंजा
सिर्फ किरायेदार ही नहीं, बल्कि गलत तरीके से दस्तावेज बनाने वालों पर ( जैसे की आधार कार्ड, वोटर आईडी, और बिजली-पानी के कनेक्शन आदि ) करवाई तय मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि अपात्र लोगों को किसी भी तरह की सरकारी सुविधा न मिले।
गढ़वाल कमिश्नर और कुमाऊं कमिश्नर दोनों कोखुद फील्ड में उतरकर हालात की समीक्षा करने का आदेश दिया गया है। वहीं, जिलाधिकारियों को भी विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है ताकि सरकार के निर्देश जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू हो सकें।